अशोक ने धम्म एवं बौद्ध धर्म के प्रचार के लिए क्या उपाय किए

 

अशोक ने धम्म एवं बौद्ध धर्म के प्रचार के लिए क्या उपाय किए

उतर - अशोक ने धम्म एवं बौद्ध धर्म के प्रचार के लिए निम्नलिखित उपाय किए

1.  बौद्ध धर्म को राजधर्म का स्थान -  अशोक ने बौद्ध धर्म को राज्य धर्म घोषित किया और अपने शासन अधिकारियों को इस धर्म के प्रचार प्रसार का आदेश दिया

2.  बौद्ध धर्म के अनुरूप आचरण - अशोक ने पशुओं की हत्या एवं शिकार पर प्रतिबंध लगाकर | वह स्वयं बौद्ध धर्म के अनुरूप आचरण किया और इस प्रकार जनता के समक्ष एक आदर्श उपस्थिति किया

3.  शासन में सुधार - धर्म प्रचार के कार्य को आगे बढ़ाते हुए अशोक ने शासन में अनेक सुधार किए और रज्जूक , प्रादेशिक और युक्त नामक पदाधिकारियों को धर्म प्रचार के कार्य में लगाया |

4.  तीसरी बौद्ध संगीति का आयोजन अशोक ने बौद्ध संघ की फूट को दूर करने के लिए तीसरी बौद्ध संगीति का आयोजन अपने राज्य की राजधानी में करके बौद्ध धर्म को दृढ़ता प्रदान की और विदेशियों में धर्म प्रचार के कार्य को आगे बढ़ाया

5.  सामाजिक समारोह का आयोजन धर्म प्रचार के लिए अशोक ने कई प्रकार की सामाजिक समारोह का आयोजन किया

6.  दान प्रदान -  अशोक बौद्ध भिक्षुओ , श्रमनो , धर्म प्रचारकों तथा धर्म प्रचार में लगी धार्मिक संस्थाओं को मुक्त हस्त से दान दिए

7.  धर्म  लेख खुदवाना अशोक ने अपने साम्राज्य के सुदूर भागों में शीलाओ पर सर्वसाधारण की भाषा में धर्म के नियम खुदवाए | जिससे उन्हें पढ़ा जा सके और जीवन को उनके अनुरूप ढाला जा सके

8.  बौद्ध साहित्य को जनसाधारण की भाषा में लिखना अशोक ने उस समय की बोलचाल की भाषा पाली मे  बौद्ध मत की शिक्षाएं खुदवाई तथा प्रसिद्ध ग्रंथों को पाली भाषा में अनुवाद करवाया

9.  कल्याणकारी कार्यों को धर्म प्रचार का माध्यम बनाना अशोक ने जनता एवं पशु पक्षियों आदि की चिकित्सा व्यवस्था आदि कल्याणकारी कार्यो द्वारा धर्म प्रचार के कार्य को आगे बढ़ाया

10.              विदेशों में धर्म प्रचार अशोक ने विदेशों में भी बौद्ध धर्म का प्रचार करने के लिए बोध भिक्षुओ , धर्म प्रचारक एवं राज्य परिवार के सदस्यों को भी भेजा |

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